भीतर और बाहर
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सत्य जीवन के
नहीं पाए जा सकते हैं बाहर
तारों और ग्रहों के विस्तृत अध्ययन में
वे तो समाये होते हैं
हमारे ही भीतर की गहराइयों में
हमारे हृदय की शोभा में
मस्तिष्क की शान में
और आत्मा की भव्यता में,
नहीं समझ पाते हैं हम जब तक
क्या बसा है हमारे अंतर में
नहीं जान पायेंगे हम
विषय बाहर के...
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