Monday, 2 October 2023

कौन थी राधा : क्या थी राधा

 कौन थी राधा : क्या थी राधा 

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नहीं थी राधा कोई दैहिक स्त्री 

प्रतीक थी वह तो कृष्ण भाव की...


स्त्री अंग होता है प्रत्येक पुरुष में 

और पुरुष अंग प्रत्येक स्त्री में 

मनोभावों में भी होता प्राबल्य 

स्त्रेण और पुरुषैण भावों का 

तथ्य हैं ये जैविकी और मनोविज्ञान के...


कुछ ऐसा ही 

नैसर्गिक और आत्मिक संबंध था वह 

नैतिक अनैतिक  मानदंडों से हटकर 

ना हो सकता है यह घटित 

पति पत्नी के बीच 

ना ही बॉय फ़्रेंड और गर्ल फ़्रेंड के बीच 

यह ना तो शारीरिक है ना ही भावात्मक 

इसीलिए तो समा जाता है इसमें 

व्यक्तिव का हर तल...


यदि देखें दक्षिण से वाम को 

राधा पढ़ी जाएगी धारा, 

बहती है भाव धारा 

यदि उच्च से निम्न को 

मिले होते हैं विकार उस में 

और बहती है धारा जब निम्न से उच्च को 

हो जाती है विशुद्ध होकर राधा

समा गई थी 

ऐसी संपूर्ण राधा कृष्ण में...


माँगता है आज का पुरुष भी वही समर्पण 

क्या बन सकती है आज कोई राधा ?

किंतु पूछती हूँ मैं 

क्या कोई कृष्ण है कहीं ?

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