लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म जयंती पर
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माटी का पुत्र
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क्यों चल दिया अचानक
धरा विदेशी पर
आज ही रहस्य है,
जो भी किया वह है ज़ाहिर
ठोस, अनुपम और दूरगामी
आज भी अनुकरणीय है...
क़द काठी छोटी थी
तो क्या हुआ
इरादे बुलंद थे
हरा दिया था दुश्मन को
सोच और निर्णय
उनके स्वच्छंद थे...
भूख मिटाने का
संकल्प भी कितना
गहरा था
"जय जवान जय किसान" का उद्घोष
सुनहरा था...
हमारा यह द्वितीय प्रमुख
जिसने पाया था अल्प कार्यकाल
भारतीयता से ओतप्रोत था
माटी का यह पुत्र
प्रेरणा का अविरल स्त्रोत था...
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