Friday, 21 June 2019

ख़ूबसूरती रिश्ते की,,,,(अनुवाद)


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जार्ज एलीयट की एक रचना का हिंदी भवानुवाद मेरे द्वारा

ख़ूबसूरती रिश्ते की ,,,,
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आह ! चैन
नाक़ाबिले बयां सुकून
महफ़ूज़ महसूस होने का
संग किसी के,
ना सोचों को तोलना
ना ही लफ़्ज़ों को मापना
बस उँडेल देना उन्हें बिलकुल
जस के तस,,,
एक ही साथ भूसा और अनाज
पक्के भरोसे के साथ
कि संग में है कोई हाथ
फटक पछार लेगा उनको,
रख लेगा वह उसको
जो होगा रखने लायक़
और उड़ा देगा बचे खुचे को
हमदिली की साँसों के साथ,,,,

                       -जार्ज एलीयट
मूल कविता :
~~~~~~~
Beauty of Relationship,,,,
#############
Oh ,Comfort
the inexpresiible comfort
of feeling safe with a person;
having neither to weigh thoughts
nor measure words,
but pouring them all right out
just as they are -
chaff and grain together
certain that a faithful hand
will take and sift them,
keep what is worth keeping
and with a breath of kindness
blow the rest away.
   
                   - George Eliot

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