Friday, 25 June 2021

कहानी रही अधूरी है.....


कहानी रही अधूरी है...

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ज़ख्म लगे पर उफ ना करना, आशिक़ की मजबूरी है, 

तेज़ थपेड़े सहते रहना, साहिल की मजबूरी है...


एकतरफा हो प्यार जहाँ पर, दिल कैसे मिल सकते हैं, 

साहिल से मिल गुम हो जाना, लहरों की माज़ूरी है...


शोर मचाता सागर नीचे, उपर बादल रोते हैं , 

ऐ लहरों को गिनने वाले, खवाहिश तेरी अधूरी है...


चाँद  कुमुदिनी का अफसाना, यारों बहुत पुराना है, 

जिस्म गुल अफशॉं, रुह पशेमाँ, वजह महज़ ये दूरी है ...


राधा, मीरा एक श्याम को कालिंदी व रुकमन हैं, 

भूल गए सब इक लम्हे में, कहानी रही अधूरी है...


कल तक जो दिल में बसते थे, आज हुए अंजाने हैं, 

राहे सफर में साथ है छूटा, कैसी यह मजबूरी है...


माज़ूरी=विकलांग  अफ़शाँ=बिखरा हुआ,  पशेमाँ=लज्जित, परेशान 



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