Tuesday, 15 June 2021

तू ऐसा सागर है.....



तू ऐसा सागर है...

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तू ऐसा सागर है 

के लहरे बन जाए हम तेरी 

तू ऐसा सागर है 

तू ऐसा सागर है....


तेरी जिंदगानी है 

जैसी भी चलाए तू 

रहमत तेरी आला 

यूँ सब पे लुटाए तू

सितारे कदमों में तेरे 

चाँद यक तेरा चाकर है 

तू ऐसा सागर है....


मेरे इस ज़ख़्मी जीवन पर 

मलहम तुम को ही लगानी है 

हर साँस जो मेरी है 

तेरी ही कहानी है 

पनाह में रख ले तू मौला 

तू अमृत का गागर है 

तू ऐसा सागर है....


सितारों में बसता हर लम्हा 

तेरा ही नजारा है 

हर शै में बसा है तू

मुझे तेरा सहारा है 

सब तेरे बालक हैं 

कोई ना कमतर बढ़तर है 

तू ऐसा सागर है....


(Extempore)

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