vinod's feels and words

Sunday, 29 December 2024

निमिष निमिष

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 निमिष निमिष  ######### छद्म सी अनुभूति ही तो है विगत  पद चिह्न है मात्र  छूटे हुए रेत पर   बस एक  लकीर है  खींची हुई निहायत सूखी बालू पर सा...
Monday, 17 June 2024

चार द्वार

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 चार द्वार  ###### अयोध्या में व्याप्त शांति और शांत चित्तता के मध्य  कुंवर राम ने देखे थे निशान दुख के जन मानस में, सोचते थे राम : क्या अर्...
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Monday, 22 April 2024

पुरानी डायरी

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  पुरानी डायरी  ####### टटोलते टटोलते  एक भूले बिसरे दराज को  मिली है आज एक डायरी पुरानी  जर्जर हो गई है  कुतर भी डाला था चूहों ने  मेरी ख़ु...
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Wednesday, 22 November 2023

अर्धनारीश्वर : मेहर

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 अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर  •••••••••••••••••••• अर्धनारीश्वर... *********** पा चुका है समर्थन  विज्ञान और मनोविज्ञान का  बुनियादी सिद्धा...
Saturday, 18 November 2023

मैं हूँ कि तुम हो : धर्मराज भाई

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============= "मैं हूँ कि तुम हो" बड़ी ही प्यारी सूफियाना नज़्म है धर्मराज भाई की, उस पर ये दो Couplets मैं कमेंट्स में extempore ...

संबंध : आकृति

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 सम्बन्ध ****** सम्बन्धों में बातें होती है  एकत्व की, विलय की  एक प्राण दो देह की  आत्मिक जुड़ाव की  और भी बहुत से  मुहावरे और कहावतें  किं...

जय भवानी : आकृति

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 "जय भवानी" ********** इतिहास गवाह है  कि बहादुर क्षत्रियों ने  "जय भवानी"  उद्घोष संग युद्धों में  दुश्मन के छक्के छुड़...
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Vinod Singhi
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