"जय भवानी"
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इतिहास गवाह है
कि बहादुर क्षत्रियों ने
"जय भवानी"
उद्घोष संग युद्धों में
दुश्मन के छक्के छुड़ाए थे...
इतिहास इस बात का भी गवाह है
क्षत्राणियाँ साक्षात भवानी बन
आन बान और शान के लिए
जौहर जी ज्वाला में
अपनी आहुति हंसते हंसते दे देती थी...
"चुण्डावत माँगी सैनाणी
सिर काट दे दियो क्षत्राणी" की
कहानी नहीं है अनजानी
झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई
आज़ादी की अनुपम दीवानी
रानी दुर्गावती थी ऐसी वीरांगना
छोड़ी है जिसने अमिट निशानी...
ले ली है करवट समय ने
बदल गई सारी अवस्थाएँ
प्रजातंत्र अब देश हमारा
विगत हुईं राजतंत्र व्यवस्थाएँ
किंतु हम वीरांगनाओं को
वही साहस दिखलाना है
नारी उत्पीड़न के ख़िलाफ़
और
स्त्री सशक्तीकरण के लिए
बुलंद आवाज़ उठाना है
"जय भवानी" की गूंज के साथ
विजय श्री को पाना है...
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