vinod's feels and words
Thursday, 26 March 2020
दूहे...कोरोना टाइम
देह से सदा नाता रहा आज बिचारा देहतर
रूह की बातें होती रही जिस्म रहे थे बेहतर.
अक़्ल दिलायी विषाणु ने, विष्णु दिलाए याद
ब्रह्मा को स्मरण किया सुना फिर से शिव का नाद.
कुदरत से पंगा लिया और मन पनपाया बैर
बकरे की माँ तू ही बता कब तक मनाए खैर .
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