vinod's feels and words
Friday, 2 September 2016
दिखावा : विजया
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देखें है बहुतेरे
जो संतोष का
दिखावा करते हैं
बात बेबात का वो
पछतावा करते हैं,
डूबे रहते हैं
हर पल खुदनुमाई में
मगर औरों को
जान पाने का
बड़ा दावा करते हैं.
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