बिरहण (विरहन)
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कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
किण किण स्यूं हेत लगायो
बताद्यो म्हारा राज.
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कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
किण किण स्यूं हेत लगायो
बताद्यो म्हारा राज.
राधा जी स्यूं चालां
वा लागे थांरे कांई
इस्यो कंई मंतर फेरयो
वा थांरे में समाई
बरसाण हाळी री बात्यां
बताद्यो बिरज राज,
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
वा लागे थांरे कांई
इस्यो कंई मंतर फेरयो
वा थांरे में समाई
बरसाण हाळी री बात्यां
बताद्यो बिरज राज,
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
चन्द्रावळ, श्यामा, शैव्या,
और पद्या वां रा नांव
विशाखा, भद्रा ललिता
सै पायी थांरी छाँव,
किण किण संग रास रचायो
कह्द्यों नी नदलाल
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
और पद्या वां रा नांव
विशाखा, भद्रा ललिता
सै पायी थांरी छाँव,
किण किण संग रास रचायो
कह्द्यों नी नदलाल
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
मेड़तणी मीरा नाची
ले थांरी मूरत हाथ
पायल रा घुघरिया में
वो थांरो ही हो साथ
भगती रो गीत गुन्जायो
कर थांरा ही गुणगान
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
ले थांरी मूरत हाथ
पायल रा घुघरिया में
वो थांरो ही हो साथ
भगती रो गीत गुन्जायो
कर थांरा ही गुणगान
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
हथलेवो और गठजोड़ो
रुकमण संग करियो ब्याव
जीवण रा सै सुख दिन्या
औ थारो जबरो न्याव
रुकमण भी बणगी बिरहण
पा थारो पळ पळ साथ
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
रुकमण संग करियो ब्याव
जीवण रा सै सुख दिन्या
औ थारो जबरो न्याव
रुकमण भी बणगी बिरहण
पा थारो पळ पळ साथ
कानुड़ा बिरहण कितणी
बताद्यो म्हाने आज.
(हेत=प्रेम, जबरो=शानदार, थांरा=आपका/तुम्हारा, मंतर=मन्त्र, नांव=नाम)
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