औझल...
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मन होता है
बौझिल
जब हो जाता
कोई इन
नयनन से
ओझल,
एक सतही सा
एहसास है
महसूस
होता है जो,
तुम्ही बताओ
क्या झूठ है
यह :
जब नहीं होते
साथ तो
क्या 'साथ' नहीं
होते हैं
हम ?????????
मन होता है
बौझिल
जब हो जाता
कोई इन
नयनन से
ओझल,
एक सतही सा
एहसास है
महसूस
होता है जो,
तुम्ही बताओ
क्या झूठ है
यह :
जब नहीं होते
साथ तो
क्या 'साथ' नहीं
होते हैं
हम ?????????
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