तू ही...
# # #
मेरा कातिल
मेरा मुंसिफ है
तू ही,
सबब मेरी बर्बादी के
मेरे हर नफस में
हाज़िर है
तू ही.....
हक है तू
हकूमत है
तू ही,
मेरी इबादत
मेरी फ़रियाद है
तू ही...
अज़ब रिश्ता है
यह मेरा और तेरा
नफरत भी तू
मोहब्बत भी है
तू ही......
मेरी ज़िन्दगी में
समाया है
इस कदर तू
मेरी रोशनी भी है तू
ज़ुल्मत भी है
तू ही...
अधूरा हूँ मैं
बिन तेरे
मेरी गुरवत तू
सरमाया है तू ही,
जुदा भी है
तू मुझ से
हमसाया भी है
तू ही....
मेरा आसमां है तू
मेरी जमीं है
तू ही
मेरा रकीब
मेरा हमनशीं है
तू ही....
नजूमी नहीं मैं
माप लूँ
चाल सितारों की,
मेरी कुंडली है तू
क़िरान-अल-सादीन भी है
तू ही...
मैं हूँ "मैं"
और तू है "तू "
जब तक,
जंजाल
बदगुमानी का
कायम है
तब तक,
भटका हूँ मैं
राह अपनी,
मिले कोई रहबर
पहुंचाए मुझे
घर तक.....
( ज़ुहरा : वीनस / शुक्र ग्रह - ज़ुहरा को अरबी में ख़ूबसूरती की मिसाल के तौर इस्तेमाल किया जाता है, मसलन ज़ुहरा-जबीं। इसी तरह मुश्तरी भी एक सितारा है, जिसे हिंदी में बृहस्पति और अंग्रेज़ी में जुपीटर कहा जाता है और ब्रहमांड का सबसे बड़ा नक्षत्र माना जाता है। इस सितारे को नुजूमी नेकी की अलामत जानते हैं। क़िरान-अल-सादीन असल में इल्मे-नुजूम का लफ्ज़ है। क़िरान के मायने क़रीबी या नज़दीकी से है और सादीन का मतलब दो सितारों के मिलन से है। )
No comments:
Post a Comment