vinod's feels and words
Monday, 28 July 2014
रोशनी और अँधेरा ....
रोशनी और अँधेरा ...
# # #
आते ही तेरे
समा जाता हूँ
तुझ में
ऐ रोशनी !
लोगों का
होता है
गुमां क्यूँ
क़ि अँधेरा
मिट गया ...
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