vinod's feels and words

Tuesday, 7 July 2020

गिले तुम्हारे धरे रह गए,,,

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गिले तुम्हारे धरे रह गए,,, ############ गिले तग़ाफ़ुल के तुम्हारे धरे रह गए बूटे गुलशन के हमारे यूँ हरे रह गए,,, बेनियाजी है अदा, बेव...
Monday, 6 July 2020

बैठे रहे चौखट पर : विजया

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बैठे रहे चौखट पर... ++++++++++ संगे मरमर के मुजस्समे को खुदा मोहब्बत का हमने बना डाला उस बेजान बेहिस से क्यों इजहारे इश्क़ हमने कर ...
Sunday, 21 June 2020

पिघल जाएँ : विजया

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पिघल जाएँ... ++++++ तो कुछ ऐसा हो गया ना आज चाँद ने ढाँप लिया सूरज को और मावस की रात हो गयी दिन में, नहीं रहना है हमें तुम और म...
Thursday, 18 June 2020

ख़ूबसूरती हमारी उम्र की,,,

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ख़ूबसूरती हमारी उम्र की,,,, ############# बढ़ती है जैसे जैसे उम्र हमारी, होती है नुमाया ख़ूबसूरती इक नई हमारी जंग और मोरचे की कहानी...
Friday, 12 June 2020

सार्थक यात्रा,,,,

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सार्थक यात्रा,,, ####### सीखा है गिर गिर के चलना और दौड़ना मैं ने चोटें खा कर जाना है सम्भलना मैं ने अस्तित्व की यात्रा में घाट घाट...

पुरुष प्रधानता का पोषण...: विजया

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पुरुष प्रधानता का पोषण... ++++++++++++++ क्यों पूछे स्त्री किसी और से अपने घर का पता क्या पुरुष भी जानता है ख़ुद अपने घर का पता ?? ...
Thursday, 11 June 2020

चाहती हूँ मैं स्वयं होना....:विजया

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चाहती हूँ मैं स्वयं होना... ++++++++++++ देखा था मैं ने प्रभाव तूफ़ान का हिल गया था पेड़ कट गयी थी शाख़ सूख गए थे पत्ते लहलहाने लगा...
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Vinod Singhi
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