Sunday, 19 June 2016

बंद आँखों के अक्स

छोटे छोटे एहसास
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बंद आँखों के अक्स
आँख खुलते ही
जुदा हो जाते हैं,
इतराकर वो जालिम
बनके पत्थर
खुदा हो जाते हैं.....

अनछुए शब्द,,,,,,

अनछुए शब्द,,,,,,

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अनछुए शब्द
ठीक ही तो कहा तुम ने
नामुमकिन है छू लेना इन को
बावजूद लाख कोशिशों के,
मौन औढे ये
अदृश्य से निराकार
दे देते हैं भ्रम
आकार का
अपने चिंतन से जुड़े
किसी प्रकार का
कभी आलिंगन
कभी प्रहार का
कभी मेल
कभी तकरार का,
बहम है यह भी कि
देते हैं ये रूप
मन के भावों को
दिल में लगे
गहन या सतही घावो को
भंवर में डूबी या साहिल पर पहुंची
बिना पाल की नावों को,
हम ही हैं
जो करते रहते हैं
इस्तेमाल इनका
मगर ये हैं कि
खिसक लेते हैं
मुठ्ठी की रेत की तरह
जिसे बांधे रख पाना
होता है
एक खुशफ़हमी जैसा,
देखो ना
जब जब हुये दुष्प्रयास
किसी भी बुद्ध्पुरुष की
देशनाओं को आकार देने का
खिसक लिए थे ये
छोड़कर हम सब को
करने नाना व्याख्याएं
वेदों की
उपनिषदों की
गीता की
आगम की
धम्मपद की
बाईबिल की
कुरआन की
और तो और
हमारे संविधान की....

नफरत : विजया

नफरत
+ + + + + + +

सिक्का एक
पहलू दो
प्यार और नफरत...

जुड़ना भी
उड़ना भी
प्यार और नफरत...

वेग भी
आवेग भी
प्यार और नफरत...

आलाप भी
प्रलाप भी
प्यार और नफरत...

भाव भी
विभाव भी
प्यार और नफरत...

अनुसृजन भी
विसर्जन भी
प्यार और नफरत...

साथ भी
जुदा भी
प्यार और नफरत...

आक्षांस देशान्तर
अन्तर्दशा प्रत्यंतर
प्यार और नफरत...

निहानी : विजया

निहानी.....

+ + + + + +
लफ़्ज़ों को जीनेवाले तुम
बात निहानी क्या जानो,
दिन को लंबा करने वाले
तुम रात सुहानी क्या जानो.

हर लम्हे पैसा हा पैसा
तुम बात रूहानी क्या जानो
प्यार ही प्यार से भरी है जो
वो मेरी कहानी क्या जानो.

साहिल पर बैठे रहते हो
मौजों की रवानी क्या जानो
नंगे जिस्मों के आशिक़ हो
तुम चुनरी धानी क्या जानो.

हर सांस में खुदगर्ज़ी है असीर
फ़िज़ा मस्तानी क्या जानो
रिश्तों रिवाजों में गाफिल हो
तुम मीरा दीवानी क्या जानो.

फ़क़ीर लकीर के बने हो तुम
दिल की मनमानी क्या जानो
जन्मों की प्यास दबाये हो
आँखों का पानी क्या जानो.

नए हिज्जे

नए हिज्जे

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डुबो कर कलम
दवाते दिल में
लिख दूँ
तिरे सफ़ा-ए-जबीं पर
गहरी इबारत
उतार चढाव लिए
बेल बूटेदार
खूबसूरत उर्दू में,
शुरू हो 'अलिफ़' से
और ना रुके
'ये' पर पहुँच कर भी,
बस निहारता रहूँ तुम्हे
एकटक नज़रों से
लिखने को
कुछ नए हिज्जे
जो समझ सकें
सिर्फ मैं  और तू .....